तिरे जमाल की ताबानियों से रोशन हो हमारे दिल पे जो पर्दा दबीज़ है कोई दिवाना वार पुकारे है जो तुझे शब-ओ-रोज़ शकीब नाम का इक बदतमीज़ है कोई। To read in Urdu (Perso-Arabic script), click here.